भारत का संविधान

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भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है

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इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है. परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं. संविधान में सरकार के संसदीय स्था की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछादों के अतिरिक्त संघीय है. केन्द्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक पांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है. भारत केके संविधान कीारा 79 केार, केनारिषद्द राष्ट्रपतिषद्हें राज्यों हैहैिन्हें राज्यसभा कीा परिषद राज्यसभा तथा लोगोंा रासदना केा केाम सेाना जाता है. संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगा जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा. इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद्तिमंतिहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है जोर्तमान में नरेन्द्र मोदीमोदी.

मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है. प्रत्‍येक राज्‍य में एक विधानसभा है। जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलांगना मेंमें ऊपरी सदन हैांगनिसे विधानपरिषद जा जाता है. राज्‍यपाल राज्‍य का प्रमुख है। प्रत्येक्येक राज्य का राज्यपाल होगा राज्यपाल होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें निहित होगी. मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों केार्यकारी कार्यों के निष्पादन मेंाह देतीदेती. राज्य की मंत्रिपरिषद्रामूहिक रूप राज्य कीिधान सभा के पिधान सभा केके्रति उत्तरदायी है.

संविधान की सातवीं अनुसूचीअनुसूची संसद संसदा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है. अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्द्रीय प्रशासित भू-भागों कोराज्य क्षेत्र कहा जाता है.

Конституция Индии на хинди является высшим законом Индии. Он устанавливает рамки, определяющие основные политические принципы, устанавливает структуру, процедуры, полномочия и обязанности государственных учреждений и устанавливает основные права, руководящие принципы и обязанности граждан. Это самая длинная письменная конституция любой суверенной страны в мире. Нация управляется им. Б. Р. Амбедкар считается его главным архитектором.

Он придает конституционное верховенство, а не парламентское верховенство, поскольку он создается не парламентом, а учредительным собранием и принимается его народом с декларацией в преамбуле. Парламент не может отменить конституцию.

Он был принят Учредительным собранием 26 ноября 1949 г. и вступил в силу 26 января 1950 г. С его принятием Союз Индии стал современной и современной Республикой Индия, заменив Закон о правительстве Индии 1935 г. как основной руководящий документ страны. документ. Чтобы обеспечить конституционную автохтонность, создатели конституции отменили предыдущие акты британского парламента посредством статьи 395 конституции. Индия отмечает его вступление в силу 26 января каждого года, как День Республики.

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