Shiva MahaPuran: Audiobook

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シヴァマハプラーナのすべての章をヒンディー語でオーディオとして聴き、シヴァプラーナを読んでください。

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'शिवपुराण'कासम्बन्धशैवमतसेहै。 इसपुराणमेंप्रमुखरूपसेशिव-भक्तिऔरशिव-महिमाकाप्रचार-प्रसारकियागयाहै。 प्राय:सभीपुराणोंमेंशिवकोत्याग、तपस्या、वात्सल्यतथाकरुणाकीमूर्तिबतायागयाहै。 कहागयाहैकिशिवसहजहीप्रसन्नहोजानेवालेएवंमनोवांछितफलदेनेवालेहैं。 किन्तु 'शिवपुराण' मेंशिवकेजीवनचरित्रपरप्रकाशडालतेहुएउनकेरहन-सहन、विवाहऔरउनकेपुत्रोंकीउत्पत्तिकेविषयमेंविशेषरूपसेबतायागयाहै。

भगवानशिवसदैवलोकोपकारीऔरहितकारीह。 त्रिदेवोंमेंइन्हेंसंहारकादेवताभ。 अन्यदेवताओंकीपूजा-अर्चनाकीतुलनामेंशिवोपासनाकोअत्यन्तसरलमानागयाहै。 अन्यदेवताओंकीभांतिकोसुगंधितपुष्पमालाओंऔरमीठेपकवानोंकीआवश्यकतानहींपड़ती。 शिवतोस्वच्छजल、बिल्वपत्र、कंटीलेऔरनखाएजानेवालेपौधोंकेफलयथा-धूतराआदिसेहीप्रसन्नहोजातेहैं。 शिवकोमनोरमवेशभूषाऔरअलंकारोंकीआ。 वेतोऔघड़बाबाहैं。 जटाजूटधारी、गलेमेंलिपटेनागऔररुद्राक्षकीमालाएं、शरीरपरबाघम्बर、चिताकीभस्मलगाएएवंहाथमेंत्रिशूलपकड़ेहुएवेसारेविश्वकोअपनीपद्चापतथाडमरूकीकर्णभेदीध्वनिसेनचातेरहतेहैं。 इसीलिएउन्हेंनटराजकीसंज्ञाभीदीगत उनकीवेशभूषासे'जीवन'और'मृत्यु'काबोध शीशपरगंगाऔरचन्द्र–जीवनएवंकलाकेद शरीरपरचिताकीभस्ममृत्युकीप्रतीक यहजीवनगंगाकीधाराकीभांतिचलतेहुएअन्तमेंमृत्युसागरमेंलीनहोजाताहै。

'रामचरितमानस' मेंतुलसीदासनेजिन्हें 'अशिववेषधारी' और 'नानावाहननानाभेष' वालेगणोंकाअधिपतिकहाहै、वेशिवजन-सुलभतथाआडम्बरविहीनवेषकोहीधारणकरनेवालेहैं。 वे'नीलकंठ'कहलातेहैं。 क्योंकिसमुद्रमंथनकेसमयजबदेवगणएवंअसुरगणअद्भुतऔरबहुमूल्यरत्नोंकोहस्तगतकरनेकेलिएमरेजारहेथे、तबकालकूटविषकेबाहरनिकलनेसेसभीपीछेहटगए。 उसेग्रहणकरनेकेलिएकोईतैयारनहीं。 तबशिवनेहीउसमहाविनाशकविषकोअपनेक तभीसेशिवनीलकंठकहलाए。 क्योंकिविषकेप्रभावसेउनकाकंठनीला
ऐसेपरोपकारीऔरअपरिग्रहीशिवकाचरित्रवर्णितकरनेकेलिएहीइसपुराणकीरचनाकीगईहै。 यहपुराणपूर्णत:भक्तिग्रन्थहै。 पुराणोंकेमान्यपांचविषयोंका'शिवपुर इसपुराणमेंकलियुगकेपापकर्मसेग्रसितव्यक्तिको 'मुक्ति' केलिएशिव-भक्तिकामार्गसुझायागयाहै。

मनुष्यकोनिष्कामभावसेअपनेसमस्तकर्मशिवकोअर्पितकरदेनेचाहिए。 वेदोंऔरउपनिषदोंमें 'प्रणव - ' केजपकोमुक्तिकाआधारबतायागयाहै。 प्रणवकेअतिरिक्त 'गायत्रीमन्त्र' केजपकोभीशान्तिऔरमोक्षकारककहागयाहै。 परन्तुइसपुराणमेंआठसंहिताओंसकाउल्लेखप्राप्तहोताहै、जोमोक्षकारकहैं。 येसंहिताएंहैं-विद्येश्वरसंहिता、रुद्रसंहिता、शतरुद्रसंहिता、कोटिरुद्रसंहिता、उमासंहिता、कैलाससंहिता、वायुसंहिता(पूर्वभाग)औरवायुसंहिता(उत्तरभाग)。

इसविभाजनकेसाथहीसर्वप्रथम 'शिवपुराण' कामाहात्म्यप्रकटकियागयाहै。 इसप्रसंगमेंचंचुलानामकएकपतितास्त्रीकीकथाहैजो 'शिवपुराण' सुनकरस्वयंसद्गतिकोप्राप्तहोजातीहै。 यहीनहीं、वहअपनेकुमार्गगामीपतिकोभ。 तदुपरान्तशिवपूजाकीविधिबताईगईहै。 शिवकथासुननेवालोंकोउपवासआदिनकरने क्योंकिभूखेपेटकथामेंमननहींलगता。 साथहीगरिष्ठभोजन、बासीभोजन、वायुविकारउत्पन्नकरनेवालीदालें、बैंगन、मूली、प्याज、लहसुन、गाजरतथामांस-मदिराकासेवनवर्जितबतायागयाहै。

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